हिंदी की बिंदी
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आज


परिचय


HAIN HINDI KE HUM SUB HAMARI HAI HINDI

HAME APNE PRANO SE PYARI HAI HINDI

NIKHARI GAYEE HAI SUBHAG GANGA JAL SEE,

HAI NIRMAL SARSWATI-JAMUNA KE JAL SEE

KASHMIR SE KANYAKUMARI KI HINDI

HAI BHARAT KE MATHE KI ACHHI SI BINDI

HAMARI TUMHARI YE "HindiKiBindi"

हैं हिन्दी के हम सब हमारी है हिन्दी

हमें अपने प्राणों से प्यारी है हिन्दी

निखारी गयी है सुभग गंगा जल सी

है निर्मल सरस्वती जमुना के जल सी

कश्मीर से कन्याकुमारी की हिन्दी

है भारत के माथे की अच्छी सी बिन्दी

हमारी तुम्हारी ये “हिन्दी की बिन्दी”

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